Sunday, July 8, 2012

जीवन सरल भारतीय जीवन बीमा निगम का एक एंडोमेंट प्लान

जीवन सरल भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का एक एंडोमेंट प्लान है। इस योजना के तहत निगम अपना बीमा शुल्क रखकर शेष राशि डेट मार्केट में निवेश करती हैं जंहा बैंक, पोस्ट ऑफिस अथवा  पब्लिक प्रोविडेंट फंड जैसी निवेश संस्थान निवेश करती हैं | पब्लिक प्रोविडेंट फंड जंहा पंद्रह साल पूर्व बारह प्रतिशत चक्रवर्ती ब्याज निवेश पर देता था वो आज आठ साढ़े आठ प्रतिशत की ब्याज दर से रिटर्न दे रहा हैं | डेट मार्केट की ब्याज दरे पिछले दस-बारह सालो में कम हुई हैं तो उसके कारण भी वाजिब हैं क्योंकि हमारा देश प्रगति की राह पर चल पड़ा हैं और किसी भी विकशीत देश में आज चार-पांच प्रतिशत से अधिक की ब्याज दर कोई कंपनी या सरकार नहीं देती हैं | जब कंपनियों का रेटिंग और कारोबार छोटा था तब तो वे अधिक ब्याज देती थी लेकिन आज हमारे देश की इन सब कंपनियों की रेटिंग उच्च श्रेणी में होने के कारण और आज इन कंपनियों को भारी मात्रा में रुपियो की जरुरत होने के कारण वे निम्न दर पर डेट मार्केट से पैसा उठाती हैं अतः डेट मार्केट का रिटर्न आज घट गया हैं और भविष्य में और भी घटने की पुरी संभावना हैं, तो फिर कुछ एलआईसी बीमा अभिकर्ता जो मुंबई के स्थानीय अखबारों में विज्ञापन देकर जीवन सरल प्लान में दस प्रतिशत रिटर्न चार्ट दिखाकर जो दावा कर रहे हैं उसमे कितनी सच्चाई हो सकती हैं | कोई भी प्रगतिशील देश झूठ और बेईमानी के दम पर विकशित नहीं हो सकता हैं अतः हमारे अभिकर्ता भाइयो से निवेदन हैं कि वो ऐसे झूठे चोंचलो से बाज आये और पुरी बिरादरी को बदनाम करने से दूर रहे |
कंपनिया चाहे सरकारी हो अथवा निजी जब उन्हें अल्प अवधि के लिए धन की आवश्यकता होती हैं तो डेट और लम्बी अवधि के लिए जरुरत होती हैं तो इक्विटी के माध्यम से पैसा मार्केट से उठाती हैं ठीक वैसे ही निवेशको को भी जब छोटी अवधि के लिए बचत करना हो तब डेट में और लम्बी अवधि के लिए करना हो तब इक्विटी योजना में निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलता हैं लेकिन इधर पिछले कुछ सालो में  कुछ दलाल किस्म के लोगो ने तो इसे उल्टा ही कर दिया शोर्ट टर्म के लिए तो इक्विटी यूनिट लिंक बेच दिया और लम्बी अवधि के लिए ट्रेडिशनल एंडोमेंट, जबकि इक्विटी यूनिट लिंक लम्बी अवधि का निवेश हैं | और यह सब ट्रेडिशनल डेट प्रोडक्ट में भारी कमीशन के चक्कर में ऐसा कर रहे हैं जो की निवेशको के हक़ में ठीक नहीं हैं | 
माना की इक्विटी मार्केट में रिस्क हैं लेकिन समय अगर किसी निवेशक के पास हैं तो इक्विटी प्रोडक्ट में कोई रिस्क नहीं हैं जिस व्यक्ति के पास समय नहीं हैं और वो रिटायर्मेंट के नजदीक उम्र में हो तो उसे इक्विटी प्रोडक्ट से दूर रहना चाहिए लेकिन सात से पैतीश साल की उम्र के लोगो के लिए इक्विटी में क्या रिस्क हैं ? और फिर बिमा करवाने की सही उम्र भी तो यही होती हैं |

Tuesday, January 25, 2011

आयुष रिसोर्ट में संपन्न हुआ बागोल जैन संघ का सम्मेलन


आयुष रिसोर्ट में संपन्न हुआ बागोल जैन संघ का सम्मेलन
मुंबई । श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ बागोल का वार्षिक स्नेह सम्मेलन गत दिनों रविवार ९ जनवरी को आयुष रिसोर्ट पनवेल पर हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। बाबूलाल भिकमचंद सुन्देशा मेहता परिवार द्वारा प्रायोजित सम्मेलन में साढ़े सातसौ से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। मुंबई के विभिन्न स्थानों से बसों द्वारा प्रभात में ही भाव यात्रा के साथ शुरू हुए सम्मेलन में रिसोर्ट पहुँचने पर मेहता परिवार द्वारा संघ पूजन करते हुए स्वागत किया गया|
रिसोर्ट पर अल्पाहार के बाद युवाओ ने दोपहर तक क्रिकेट खेलकर तो बाकी शेष लोगो ने खेल को देखने का भरपूर आनंद लिया| दो बजे बाद शुरू हुए डांस प्रतियोगिता और जादू के कारनामो ने तो सभी को अचंभित ही कर दिया| सम्मान समारोह में प्रतिभाशाली डिग्री धारक छात्रों एवं तपस्वियों को सम्मानित किया गया।
बाबूलाल भीकमचंदजी मेहता परिवार का सम्मान संघ की ओर से किया गया| शंखेश्वरपार्श्वनाथ सोलंकी जिनालय के निर्माता चम्पालाल सोलंकी समेत वरिष्ठ नागरिक जीवराज सोलंकी, गोड़वाड के लोकप्रिय समाजसेवी अमरचंद कोठारी, सुकनराज बरलोटा, कपूरचंद कोठारी, भीमराज सोलंकी, नाहरमल गुंगलिया, भबूतमल मेहता ने कार्यक्रम समारोह में मंच क़ी शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति ने सराहनीय भूमिका निभाई कार्यक्रम के अंत में प्रायोजक परिवार की ओर से आयोजन समिति के सभी सदस्यों का सम्मान किया।

सन् 2012 के सम्मलेन की घोषणा के लिए श्री बाबूलाल सागरमलजी बोराणा का साफा एवं तिलक हार से अभिनन्दन बाबूलाल भीकमचंदजी मेहता ने किया। कार्यक्रम का संचालन जयन्ति बोराणा ने किया।

Tuesday, January 18, 2011

Mahatma Gandhi NREGA

Govt. of India
Ministry of Rural Development
Department of Rural Development
The Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act

Total Approved Work For Financial year-2009-2010

State :RAJASTHAN, District :PALI, Block Bagol

बागोल Work Execution Estimated Ested Financial
Work Code Status Level Labour Material Sanction
Work Name

ALL Rupees in Lakhs

2709




2720007202/DP/2-109/09-10 On Going GP 10.48 0 10.48
गोचर भूमि में मेडबन्दी का कार्य बागोल



2710




2720007202/RC/2-111/09-10 On Going GP 1.42 5.7 7.12
खंरजा निर्माण कार्य रतनसिंह के घर से नाडी की ओर बागोल

2711




2720007202/RC/2-131/09-10 On Going GP 1.62 6.51 8.13
खरंजा निर्माण कार्य लालखां के माकन से रामलाल मीणा के घर की ओर कांकलावास
2712




2720007202/SK/161 On Going GP 0.91 7.89 8.8
Bharat Nirman Rajeev Gandhi Sewa Kendra ,बागोल


2713




2720007202/WC/2-108/09-10 On Going GP 4.46 1.91 6.37
बामलडी नाडी खुदाई कार्य मय पिसिंग ओटा निर्माण बागोल

2714




2720007202/WC/2-120/09-10 On Going
6.13 2.68 8.81
गांवाई तालाब खुदाई ओटा निर्माण गुडा देवडान मांगलियान

2715




2720007202/WC/2-127/09-10 On Going
4.54 1.98 6.52
शमशान भूमि के पास एनिकट निर्माण कांकलावास


2716




2720007202/WC/2-155/2010 On Going
7.25 2.9 10.15
मामाजी नाडी खुदाई मय पिसिंग ओटा निर्माण बागोल


2717




2720007202/WC/2-168/2010 On Going GP 8.22 2.65 10.87
खाखरा नाडी खुदाई मय पिसिंग ओटा निर्माण कार्य


2718




2720007202/WC/2-180/2010 On Going GP 6.94 2.26 9.2
कांकलावास तालाब खुदाई ओटा निर्माण कार्य


2719




2720007202/WC/2-97/09-10 On Going GP 3.07 2.03 5.1
रावली वाली एनिकट निर्माण बागोल



2720




2720007202/WC/2-98/09-10 On Going GP 6.81 4.54 11.35
मामाजी रास्ते के उपर नदी पर एनिकट निर्माण बागोल


2721




2720007202/RC/2-157/2010 Approved GP 2.02 8.3 10.32
खंरजा निर्माण कार्य गौतम जैन के घर से लालाराम नाई के घर की ओर
Total

63.87 49.35 113.22

Saturday, November 13, 2010

Sumer Duariya Dam Project in Aravali Range of Rajasthan

पंद्रह करोड़ बांध परियोजना अब हो गई १६६ करोड़ की
राजस्थान के मारवाड़ अंचल में स्थित अरावली की गोद में आदिवासी बहुल पाली जिले क़ी दुआरिया नदी पर प्रस्तावित दुआरिया बांध परियोजना ३५ वर्षो के बाद भी अब तक सर्वेक्षण स्तर तक ही अटकी हुई हैं जबकि इस दौरान इसकी प्रस्तावित लागत १५ करोड़ से बढ़कर वर्त्तमान में १६५.८१ करोड़ रुपये हो गयी हैं मुंबई के प्रवासी राजस्थानी समाज ने अकाल रहत कार्यो के तहत इस बांध को तत्काल बनवाने की मांग की हैं देसुरी इलाके के सुमेर गांव के पास बनने वाले इस बांध के प्रति प्रवासी अब जागृत हो गए हैं

प्रस्तावित दुआरिया बांध परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य राजस्थान शासन के २ अक्तूबर १९६४ के आदेश के तहत प्रारंभ हुआ था और इसके सर्वेक्षण कार्य पर राज्य शासन अब तक सवा करोड़ रुपये से भी अधिक खर्च कर चूका हैंअधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह परियोजना गत ३५ वर्षो से लंबित हैं सूत्रों के अनुसार राज्य शासन द्वारा दुआरिया बांध परियोजना को प्राथमिकता नहीं देने के कारण ही केंद्रीय जल आयोग द्वारा इस परियोजना की तकनिकी स्वीकृति तक नहीं मिल पाई हैं जबकि स्वीकृति मिलने के बाद भी इस इस परियोजना में लगभग दस वर्ष लगेंगे सूत्रों ने बताया की केंद्रीय जल आयोग को राज्य शासन द्वारा भेजे गये प्रतिवेदनो में परियोजना की लागत का प्राथमिक प्रकलन जून १९७७ को ३१.७५ करोड़ रुपये, १९८८ में ६२.८८ करोड़ रुपये, १९९५ में १२०.३० करोड़ रुपये था और अंतिम प्रकलन में इसकी लागत १७५.८१ करोड़ रुपये आंकी गई हैं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुंबई के प्रवासीयो ने मांग की हैं कि इस बांध का निर्माण कार्य जल्दी शुरू कराया जाए

['संझा जनसत्ता' मुंबई के २७ अप्रेल २००० में प्रकाशित: पंद्रह करोड़ बांध परियोजना अब हो गई १६६ करोड़ की से साभार]

Monday, February 1, 2010

देसूरी पंचायत समिति अधिकतर उपसरपंच निर्विरोध

देसूरी पंचायत समिति

पाली। पंच-सरपंच के मतदान के दौरान रविवार को जिले की चार पंचायत समितियों में मेले जैसा माहौल रहा। मतदान केन्द्र पर मतदाताओं का हुजूम उमडा। प्रत्याशियों के बूथों पर भी ग्रामीणों की जबरदस्त भीड देखने को मिली। माहौल को देखकर लगा कि गांव में मेला भरा हो। पूरा गांव मतदान स्थल के आस-पास दिखा।

पंच-सरपंच चुनाव के दौरान गांव के बुजुर्ग बूथ के निकट जमीन पर दरी-तिरपाल बिछाकर मतदाताओं की मनवार करते नजर आए। बीडी, सिगरेट, गुटखा व अन्य सामग्री बीच में रखकर चारों ओर घेरा बनाकर बैठे दिखे। कई स्थानों पर अमल व डोडे की मनवार भी चली। सरपंच पद पर खडे प्रत्याशियों ने जीत के लिए हर संभव प्रयास किए। ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, ऑटो, कारें, जीप व ट्रक जो साधन मिला मतदाताओं को घर से लाने के लिए काम में लिया गया। कुछ पंचायतों में तो प्रत्याशियों ने अन्य राज्यों में रहने वाले मतदाताओं को लाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की।

सुबह 11 बजे बागोल ग्राम पंचायत के पास यहां स्कूल में बने दो बूथों पर मतदाताओं का हुजूम था। दो लाइनों में सौ के करीब महिलाएं मतदान के इंतजार में खडी थीं। सत्तर वर्षीय बुजुर्ग महिला कमलादेवी ठीक से चल नहीं पाने के बावजूद अपने पोते के साथ वोट डालने आई। इस उम्र में भी वोट डालने की मंशा पूछने पर तपाक से बोली 'पांच साल में यह अवसर आया है, मौका क्यों गंवाए और फिर आज तो हमारे गाँव की एकता का सवाल हैं ।' इसी दौरान यहां एक साथ करीब पचास-साठ महिलाएं अलग-अलग समूह में वोट डालने पहुंची। ४५ वर्षीय युवा भगवतसिंह सोलंकी ने बताया की मैंने अपनी जिंदगी में कई चुनाव देखे पर आज के जैसा जोश और एकता गाँव में इससे पहले कभी नहीं देखी मतदान स्थल के आस-पास का माहौल पूरी तरह मेले जैसा था। प्रत्याशियों के बूथों के पास करीब दो हजार ग्रामीण जुटे थे। करीब एक दर्जन से अघिक चाय, चाट-पकौडी, बीडी-सिगरेट व गुटखों की स्टालें लगी थी। मतदान केन्द्र के बाहर मतदाताओं की भारी भीड थी। पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। चौपहिया वाहन को भीड से निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पडी। इस समय करीब दो हजार के आस-पास ग्रामीण अलग-अलग समूहों में यहां खडे थे प्रत्याशी मतदाताओं से मतदान की अपील करते दिखे। इस दौरान पांच महिलाएं घूँघट में वोट डालने पहुंची । शाम को जैसे ही चुनाव परिणाम घोषित किये और ठाकुर भवरसिंह सोलंकी को ३५४ से मतों से विजयी घोषित किया तो परा गाँव ढोल नगाडो की तल पर झुमने लगा ।
पुनर्मतगणना की मांग उधर, मगरतलाब के कई ग्रामीणों ने पंच-सरपंच की मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए फिर से मतगणना कराने की मांग को लेकर जिला कलक्टर से मांग की।

17 निर्विरोध, 6 मतदान, 1 लॉटरी से

निर्विरोध निर्वाचित : कोट सोलंकियान में शंकरराम, पनोता में डूंगरसिंह, सासरी में भंवरसिंह, बागोल में रामसिंह, मगरतलाव में बसंतीदास, केसुली में अनिता कंवर, माडपुर में मोहनसिंह चारण, सुमेर में महिपाल सिंह, आना में खरतराम मेघवाल, घाणेराव में चन्द्रशेखर मेवाडा, बडौद में कंकर कंवर, मोरखा में खुमाराम चौधरी, सिन्दरली में चैनसिंह राजपूत, गुडा जाटान में मोडाराम मेघवाल, डालोप में घीसाराम, कोटडी में लक्ष्मी, दादई में प्रदीप कुमार।

मतदान से निर्वाचित: डायलाना कलां में जीवीदेवी, देसूरी में अशोक पुरी, नारलाई में प्रमोद पुरी, दुदापुरा में बंशीलाल, मांडीगढ में जीवाराम जाट, मादा में मोहनसिंह राजपुरोहित। लॉटरी से चुने: नाडोल ग्राम पंचायत में रूपाराम चौधरी।

Saturday, January 30, 2010

पंचायत समिति देसूरी ,सरपंच पद

देसूरी। पंचायत समिति देसूरी की 24 ग्राम पंचायतों के सरपंच पद के लिए 123 व वार्ड पंच के लिए 502 प्रत्याशी मैदान में हैं। 94 वार्डपंच निर्विरोध निर्वाचित हुए। आना व पनोता के वार्ड पंच के पद रिक्त रह गए। देसुरी पंचायत समिति में दादाई के अलावा बागोल पंचायत में सिर्फ दो-दो उमीदवार मैदान में हैं बागोल में ठाकुर भंवरसिंह सोलंकी और नाहरसिंह देवड़ा के बीच में सीधा मुकाबला होगा |निर्वाचन अधिकारी के अनुसार कोट सोलंकियान में सरपंच के पांच उम्मीदवार मैदान में हैं व आठ वार्ड पंच निर्वरोध निर्वाचित हुए।

सांसरी में सरपंच के पांच, पनोता में 4, मगरतालाब में सात, बागोल में दो, डायलाना कलां में पांच, देसूरी में नौ, नारलाई में छह, नाडोल में सात, घाणेराव में दस, दादाई में दो, बडौद में सात, ढालोप में छह, कोटडी में सात, आना में छह, सिन्दरली में तीन, मोरखा में छह, मादा में तीन, माण्डीगढ तीन, गुडा जाटान छह, दूदापुरा में पांच, सुमेर में तीन, माडपुर में पांच, केसूली में तीन प्रत्याशी सरपंच पद के लिए चुनाव मैदान में हैं। चुनाव चिह्न आवंटित होते ही प्रत्याशी प्रचार में जुट गए।

Tuesday, January 26, 2010

सोचना, बात करना, लिखना और कर दिखाना

सोचना, बात करना, लिखना और कर दिखाना : प्रथम एवं अंतिम पायदान
कोई कुछ भी बोले अपुन तो साफ और सीधी बात करने वाले हैं क्योकि बात करने का मतलब बात में कितना दम हैं वैसे तो आज हर कोई अपनी बात बोल रहा हैं पर मेरे हिसाब से तो उन लोगो को बोलना चाहिए जिनका अपने इस गाँव के विकाश में सहयोग रहा हैं और आगे भी कुछ करने की आज हेसिअत रखते हैं अतीत और भविष्य की संभावनाओ की नहीं बल्कि आज की बात कर रहा हूँ | वैसे अतीत हमें नया इतिहास बनाने की प्रेरणा देता पर जिनका इतिहास ही नहीं उनसे हम क्या उमीद कर सकते ?
आज हर कोई एरा गेरा अपनी तुती बजा रहा हैं इसका क्या मतलब हैं जिनका इस गाँव के विकास में रति भर भी योगदान नहीं रहा वे भी आज सलाह देने पर तुले हुए हैं जो खुद अपनी जिंदगी को भी सवारने में सफल नहीं रहे वे लोग भी गाँव की पंचायती करते घूम रहे हैं| सलाह देना या बात करना एकदम आसान हैं पर कर पाना बहुत ही कठिन हैं और जो लोग कुछ कर चुके हैं वे अनुभवी लोग हैं और जो लोग सिर्फ बात करते हैं वे जिंदगी भर सिर्फ बात करने में ही अपना और इस देश का वक्त जाया कर रहे हैं और ऐसे लोगो से तो दूर ही रहना चाहिए वर्ना खुद तो बातो में उल्जे रहेंगे ही दूसरो को भी उल्जाए रखेंगे ताकि वे भी खुद की तरह असफल लोगो की गिनती में आ जाये क्योंकि हर आदमी को दूसरो को भी अपने जैसा ही होना पसंद आता हैं |
अब आपकी अपनी मर्जी आप किन लोगो की बात सुनना पसंद करेंगे और किन लोगो के साथ काम करना पसंद करेंगे वैसे सलाहकरो की भी इस देश में कमी नहीं हैं आखिर देश के प्रधानमंत्री मनमोहनसिंहजी सारे कांग्रेसी कार्यकर्ताओ को अपनी सलाहकार समिति में क्यों नहीं भर्ती कर लेते ?
वैसे आप मेरे बारे में भी सोच सकते हैं की मै यह सलाह आप को क्यों दे रहा हूँ तो आपको बता दू की आज सेकड़ो लोग आज मेरी सलाह पर काम कर रहे हैं और सफलता की सीढ़ी के शिखर को चुने की तैयारी कर रहे हैं |