Monday, February 1, 2010

देसूरी पंचायत समिति अधिकतर उपसरपंच निर्विरोध

देसूरी पंचायत समिति

पाली। पंच-सरपंच के मतदान के दौरान रविवार को जिले की चार पंचायत समितियों में मेले जैसा माहौल रहा। मतदान केन्द्र पर मतदाताओं का हुजूम उमडा। प्रत्याशियों के बूथों पर भी ग्रामीणों की जबरदस्त भीड देखने को मिली। माहौल को देखकर लगा कि गांव में मेला भरा हो। पूरा गांव मतदान स्थल के आस-पास दिखा।

पंच-सरपंच चुनाव के दौरान गांव के बुजुर्ग बूथ के निकट जमीन पर दरी-तिरपाल बिछाकर मतदाताओं की मनवार करते नजर आए। बीडी, सिगरेट, गुटखा व अन्य सामग्री बीच में रखकर चारों ओर घेरा बनाकर बैठे दिखे। कई स्थानों पर अमल व डोडे की मनवार भी चली। सरपंच पद पर खडे प्रत्याशियों ने जीत के लिए हर संभव प्रयास किए। ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, ऑटो, कारें, जीप व ट्रक जो साधन मिला मतदाताओं को घर से लाने के लिए काम में लिया गया। कुछ पंचायतों में तो प्रत्याशियों ने अन्य राज्यों में रहने वाले मतदाताओं को लाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की।

सुबह 11 बजे बागोल ग्राम पंचायत के पास यहां स्कूल में बने दो बूथों पर मतदाताओं का हुजूम था। दो लाइनों में सौ के करीब महिलाएं मतदान के इंतजार में खडी थीं। सत्तर वर्षीय बुजुर्ग महिला कमलादेवी ठीक से चल नहीं पाने के बावजूद अपने पोते के साथ वोट डालने आई। इस उम्र में भी वोट डालने की मंशा पूछने पर तपाक से बोली 'पांच साल में यह अवसर आया है, मौका क्यों गंवाए और फिर आज तो हमारे गाँव की एकता का सवाल हैं ।' इसी दौरान यहां एक साथ करीब पचास-साठ महिलाएं अलग-अलग समूह में वोट डालने पहुंची। ४५ वर्षीय युवा भगवतसिंह सोलंकी ने बताया की मैंने अपनी जिंदगी में कई चुनाव देखे पर आज के जैसा जोश और एकता गाँव में इससे पहले कभी नहीं देखी मतदान स्थल के आस-पास का माहौल पूरी तरह मेले जैसा था। प्रत्याशियों के बूथों के पास करीब दो हजार ग्रामीण जुटे थे। करीब एक दर्जन से अघिक चाय, चाट-पकौडी, बीडी-सिगरेट व गुटखों की स्टालें लगी थी। मतदान केन्द्र के बाहर मतदाताओं की भारी भीड थी। पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। चौपहिया वाहन को भीड से निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पडी। इस समय करीब दो हजार के आस-पास ग्रामीण अलग-अलग समूहों में यहां खडे थे प्रत्याशी मतदाताओं से मतदान की अपील करते दिखे। इस दौरान पांच महिलाएं घूँघट में वोट डालने पहुंची । शाम को जैसे ही चुनाव परिणाम घोषित किये और ठाकुर भवरसिंह सोलंकी को ३५४ से मतों से विजयी घोषित किया तो परा गाँव ढोल नगाडो की तल पर झुमने लगा ।
पुनर्मतगणना की मांग उधर, मगरतलाब के कई ग्रामीणों ने पंच-सरपंच की मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए फिर से मतगणना कराने की मांग को लेकर जिला कलक्टर से मांग की।

17 निर्विरोध, 6 मतदान, 1 लॉटरी से

निर्विरोध निर्वाचित : कोट सोलंकियान में शंकरराम, पनोता में डूंगरसिंह, सासरी में भंवरसिंह, बागोल में रामसिंह, मगरतलाव में बसंतीदास, केसुली में अनिता कंवर, माडपुर में मोहनसिंह चारण, सुमेर में महिपाल सिंह, आना में खरतराम मेघवाल, घाणेराव में चन्द्रशेखर मेवाडा, बडौद में कंकर कंवर, मोरखा में खुमाराम चौधरी, सिन्दरली में चैनसिंह राजपूत, गुडा जाटान में मोडाराम मेघवाल, डालोप में घीसाराम, कोटडी में लक्ष्मी, दादई में प्रदीप कुमार।

मतदान से निर्वाचित: डायलाना कलां में जीवीदेवी, देसूरी में अशोक पुरी, नारलाई में प्रमोद पुरी, दुदापुरा में बंशीलाल, मांडीगढ में जीवाराम जाट, मादा में मोहनसिंह राजपुरोहित। लॉटरी से चुने: नाडोल ग्राम पंचायत में रूपाराम चौधरी।