Tuesday, December 30, 2008

Jain Pilgrims looted in Jharkhand

मुंबई, 25 दिसंबर। मंगलवार की रात मुंबई से झारखंड के जैन मंदिर में दर्शन करने पहुंचे 75 जैन तीर्थयात्रियों को डकैतों के गिरोह ने लूट लिया।
लुटे सभी यात्री मुंबई से गए 850 यात्रियों के समूह का हिस्सा थे, जिमें महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल थे। एक विशेष ट्रेन से पारसनाथ पहुंचा यह समूह घटना की रात पारसनाथ से 50 किमी. दूर स्थित मधुबन के एक जैन मंदिर के दर्शनार्थ लगभग 50 वाहनों में सवार होकर निकला था। डुमरी मोर नामक स्थान के करीब डकैतों द्वारा बनाए गए अवरोधक से गाडियां टकरा कर रूक गई। गाडियों के रूकते ही लाठियों व लोहे की छड़ों से लैस बैठे लुटेरों ने हमला बोल दिया और चालकों को गाड़ी से बाहर खींच तोड़फोड़ करने लगे।
लुटेरों के शिकार बने एक यात्री रजनीभाई शाह ने बताया कि उनके 5 लाख रूपए व उनकी पत्नी के गहने लुटेरों ने लूट लिए। गाड़ी में पीछे वाली सीट पर बैठे यात्रियों को भी डकैतों ने लूटा और सबके साथ मारपीट भी की।
कई यात्रियों के अनुसार मोबाइल तो छीना ही लुटेरों ने चश्मे भी नहीं छोड़े। एक चालक ने बचने के लिए गाड़ी भगाई तो घबराहट में गड्डे में जा घुसा और लूटा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार करीबदो घंटे तक 17 गाडियों को लूटा गया। गिरिडीट के एसपी ने बताया कि पुलिस टीम घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र में तलाश कर रही है। मामला दर्ज कर लिया गया है। डुमरीमोरमधुबन रोड पर हमेशा से ही डकैतियों व नक्सली हमलों का आतंक रहा है।
इन सबके चलते ही सरकार ने मधुबन में 22 दिसंबर से होने जा रहे दो दिवसीय श्री शिखरजी महोत्सव को रद्द कर दिया है। इधर मुंबई में आए दिन झारखंड में हो रही इन घटनाओं से आहत जैन समाज मार्मिक रूप से दुखी है। मारवाड़ जैन संघ मुंबई के प्रमुख भरत सोलंकी ने घटना की कड़े शबदों में निंदा करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर मांग की है कि जनता के विस्रास को कायम रखने हेतु शिखरजी मार्ग पर सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया जाए जिससे जैन समाज में सरकार के प्रति विश्वास कायम रहे।

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