जीवन सरल भारतीय जीवन बीमा निगम
(एलआईसी) का एक एंडोमेंट प्लान है। इस योजना के तहत निगम अपना बीमा शुल्क
रखकर शेष राशि डेट मार्केट में निवेश करती हैं जंहा बैंक, पोस्ट ऑफिस अथवा
पब्लिक प्रोविडेंट फंड जैसी निवेश संस्थान निवेश करती हैं | पब्लिक
प्रोविडेंट फंड जंहा पंद्रह साल पूर्व बारह प्रतिशत चक्रवर्ती ब्याज निवेश
पर देता था वो आज आठ साढ़े आठ प्रतिशत की ब्याज दर से रिटर्न दे रहा हैं |
डेट मार्केट की ब्याज दरे पिछले दस-बारह सालो में कम हुई हैं तो उसके कारण
भी वाजिब हैं क्योंकि हमारा देश प्रगति की राह पर चल पड़ा हैं और किसी भी
विकशीत देश में आज चार-पांच प्रतिशत से अधिक की ब्याज दर कोई कंपनी या
सरकार नहीं देती हैं | जब कंपनियों का रेटिंग और कारोबार छोटा था तब तो वे
अधिक ब्याज देती थी लेकिन आज हमारे देश की इन सब कंपनियों की रेटिंग उच्च
श्रेणी में होने के कारण और आज इन कंपनियों को भारी मात्रा में रुपियो की
जरुरत होने के कारण वे निम्न दर पर डेट मार्केट से पैसा उठाती हैं अतः डेट
मार्केट का रिटर्न आज घट गया हैं और भविष्य में और भी घटने की पुरी संभावना
हैं, तो फिर कुछ एलआईसी बीमा
अभिकर्ता जो मुंबई के स्थानीय अखबारों में विज्ञापन देकर जीवन सरल प्लान
में दस प्रतिशत रिटर्न चार्ट दिखाकर जो दावा कर रहे हैं उसमे कितनी सच्चाई
हो सकती हैं | कोई भी प्रगतिशील देश झूठ और बेईमानी के दम पर विकशित नहीं
हो सकता हैं अतः हमारे अभिकर्ता भाइयो से निवेदन हैं कि वो ऐसे झूठे चोंचलो
से बाज आये और पुरी बिरादरी को बदनाम करने से दूर रहे |
कंपनिया चाहे सरकारी हो अथवा निजी जब उन्हें अल्प अवधि के लिए धन की
आवश्यकता होती हैं तो डेट और लम्बी अवधि के लिए जरुरत होती हैं तो इक्विटी
के माध्यम से पैसा मार्केट से उठाती हैं ठीक वैसे ही निवेशको को भी जब छोटी
अवधि के लिए बचत करना हो तब डेट में और लम्बी अवधि के लिए करना हो तब
इक्विटी योजना में निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलता हैं लेकिन इधर पिछले
कुछ सालो में कुछ दलाल किस्म के लोगो ने तो इसे उल्टा ही कर दिया शोर्ट
टर्म के लिए तो इक्विटी यूनिट लिंक बेच दिया और लम्बी अवधि के लिए
ट्रेडिशनल एंडोमेंट, जबकि इक्विटी यूनिट लिंक लम्बी अवधि का निवेश हैं | और यह सब ट्रेडिशनल डेट प्रोडक्ट में भारी कमीशन के चक्कर में ऐसा कर रहे हैं जो की निवेशको के हक़ में ठीक नहीं हैं |
माना की इक्विटी मार्केट में रिस्क हैं लेकिन समय अगर किसी निवेशक के पास
हैं तो इक्विटी प्रोडक्ट में कोई रिस्क नहीं हैं जिस व्यक्ति के पास समय
नहीं हैं और वो रिटायर्मेंट के नजदीक उम्र में हो तो उसे इक्विटी प्रोडक्ट
से दूर रहना चाहिए लेकिन सात से पैतीश साल की उम्र के लोगो के लिए इक्विटी
में क्या रिस्क हैं ? और फिर बिमा करवाने की सही उम्र भी तो यही होती हैं |