पंद्रह करोड़ बांध परियोजना अब हो गई १६६ करोड़ की
राजस्थान के मारवाड़ अंचल में स्थित अरावली की गोद में आदिवासी बहुल पाली जिले क़ी दुआरिया नदी पर प्रस्तावित दुआरिया बांध परियोजना ३५ वर्षो के बाद भी अब तक सर्वेक्षण स्तर तक ही अटकी हुई हैं। जबकि इस दौरान इसकी प्रस्तावित लागत १५ करोड़ से बढ़कर वर्त्तमान में १६५.८१ करोड़ रुपये हो गयी हैं। मुंबई के प्रवासी राजस्थानी समाज ने अकाल रहत कार्यो के तहत इस बांध को तत्काल बनवाने की मांग की हैं। देसुरी इलाके के सुमेर गांव के पास बनने वाले इस बांध के प्रति प्रवासी अब जागृत हो गए हैं।
प्रस्तावित दुआरिया बांध परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य राजस्थान शासन के २ अक्तूबर १९६४ के आदेश के तहत प्रारंभ हुआ था और इसके सर्वेक्षण कार्य पर राज्य शासन अब तक सवा करोड़ रुपये से भी अधिक खर्च कर चूका हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह परियोजना गत ३५ वर्षो से लंबित हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य शासन द्वारा दुआरिया बांध परियोजना को प्राथमिकता नहीं देने के कारण ही केंद्रीय जल आयोग द्वारा इस परियोजना की तकनिकी स्वीकृति तक नहीं मिल पाई हैं। जबकि स्वीकृति मिलने के बाद भी इस इस परियोजना में लगभग दस वर्ष लगेंगे। सूत्रों ने बताया की केंद्रीय जल आयोग को राज्य शासन द्वारा भेजे गये प्रतिवेदनो में परियोजना की लागत का प्राथमिक प्रकलन जून १९७७ को ३१.७५ करोड़ रुपये, १९८८ में ६२.८८ करोड़ रुपये, १९९५ में १२०.३० करोड़ रुपये था और अंतिम प्रकलन में इसकी लागत १७५.८१ करोड़ रुपये आंकी गई हैं ।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुंबई के प्रवासीयो ने मांग की हैं कि इस बांध का निर्माण कार्य जल्दी शुरू कराया जाए।
['संझा जनसत्ता' मुंबई के २७ अप्रेल २००० में प्रकाशित: पंद्रह करोड़ बांध परियोजना अब हो गई १६६ करोड़ की से साभार]
प्रस्तावित दुआरिया बांध परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य राजस्थान शासन के २ अक्तूबर १९६४ के आदेश के तहत प्रारंभ हुआ था और इसके सर्वेक्षण कार्य पर राज्य शासन अब तक सवा करोड़ रुपये से भी अधिक खर्च कर चूका हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह परियोजना गत ३५ वर्षो से लंबित हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य शासन द्वारा दुआरिया बांध परियोजना को प्राथमिकता नहीं देने के कारण ही केंद्रीय जल आयोग द्वारा इस परियोजना की तकनिकी स्वीकृति तक नहीं मिल पाई हैं। जबकि स्वीकृति मिलने के बाद भी इस इस परियोजना में लगभग दस वर्ष लगेंगे। सूत्रों ने बताया की केंद्रीय जल आयोग को राज्य शासन द्वारा भेजे गये प्रतिवेदनो में परियोजना की लागत का प्राथमिक प्रकलन जून १९७७ को ३१.७५ करोड़ रुपये, १९८८ में ६२.८८ करोड़ रुपये, १९९५ में १२०.३० करोड़ रुपये था और अंतिम प्रकलन में इसकी लागत १७५.८१ करोड़ रुपये आंकी गई हैं ।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुंबई के प्रवासीयो ने मांग की हैं कि इस बांध का निर्माण कार्य जल्दी शुरू कराया जाए।
['संझा जनसत्ता' मुंबई के २७ अप्रेल २००० में प्रकाशित: पंद्रह करोड़ बांध परियोजना अब हो गई १६६ करोड़ की से साभार]